नई दिल्ली। महाराष्ट्र ( Maharashtra ) में शिवसेना ( Shiv Sena ) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के सांसद संजय जाधव ( Sanjay Jadhav ) ने लोकसभा ( Lok Sabha ) सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं संजय जाधव ने अपनी इस्तीफा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ( Uddhav Thackeray ) को भी सौंप दिया है। उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा ( Resign ) भेजने के साथ ही संजय जाधव ने अपनी तकलीफ और इस्तीफा देने की वजह भी जाहिर की है।
शिवसेना के लिए संजय जाधव के इस्तीफे को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल जाधव का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र सरकार एक तरफ कोरोना और बारिश से निपटने में जुटी है दूसरी तरफ सुशांत सिंह केस में भी सरकार विरोधियों के निशाने पर है।
शिवसेना सांसद संजय जाधव ने अपनी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर पार्टी को बड़ा झटका दिया है। संजय जाधव ने अपना इस्तीफा देने का साथ ही अपनी पीड़ा भी जाहिर की है।
जाधव का कहना है कि- अगर मैं अपने क्षेत्र में शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ न्याय करने में असमर्थ हूं, तो मुझे पार्टी का सांसद होने का कोई अधिकार नहीं है। यही वजह है कि कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाए।
संजय जाधव ने मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में अपनी तकलीफ भी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि - जिंतुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति में गैर सरकारी प्रशासक मंडल की नियुक्ति करने को लेकर मैं पिछले 8 से 10 महीने से आपके पास फॉलोअप कर रहा हूं। लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।
दरअसल संजय जाधव कृषि उत्पन्न बाजार समिति पर एनसीपी का गैर सरकार प्रशासक मंडल चुने जाने से नाराज हैं। उनका कहना है कि जिंतुर में एनसीपी और कांग्रेस का एक भी विधायक ना होने के बाद भी एनसीपी के गैर सरकारी प्रशासक मंडल को चुने जाने से मैं काफी तकलीफ में हूं।
यही नहीं जावध ने ये भी कहा कि एनसीपी और कांग्रेस के ऐसे कई नेता हैं जो शिवसेना में आना चाहते हैं, लेकिन जब मैं कार्यकर्ताओं को ही न्याय नहीं दिला पा रहा हूं तो दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं के कैसे न्याय दिला पाऊंगा।
खुद को बताया बाला साहेब का शिवसैनिक
संजय जाधव ने अपनी पीड़ा जाहिर करने के साथ ही खुद को बाला साहेब ठाकरे का एक शिवसैनिक भी बताया। उन्होंने शिवसैनिक होते हुए भी मैं अपने ही कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं दिला पा रहू हूं, ऐसे में मुझे इस पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। कृपया मेरा त्याग पत्र स्वीकार करें।
संजय जाधव के इस्तीफे को अब तक शिवसेना की ओर से कोई आधिकारी बयान सामने नहीं आया है। ना ही ये जानकारी मिली है कि जाधव का इस्तीफा स्वीकर कर लिया गया है या नहीं।
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