नई दिल्ली। कोविड के जिस दौर में पूरा बाजार मायूस खड़ा था, उस साल में कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि पब्लिक इश्यू 'आईपीओ' अपनी जोरदार मौजूदगी दर्ज कर न केवल बाजार का भरोसा जीतेंगे, बल्कि निवेशकों को भी मालामाल करेंगे। यही वजह है कि मिसेज बेक्टर्स फूड स्पेशिलिटीज की गुरुवार को 109 फीसदी तेजी के साथ 501 पर लिस्ट हुआ। इसके साथ ही इस साल कुल 32 आईपीओ ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और बाजार से 43,515 करोड़ रुपया उठाया।
पांच साल में 2020 सबसे बेहतर
वर्ष | आईपीओ | पूंजीकरण (करोड़ रुपए में) | औसत लिस्टिंग डे गेन ( फीसदी में ) |
2020 | 32 | 43515 | 35.61 |
2019 | 16 | 12362 | 18.72 |
2018 | 24 | 30959 | 8.33 |
2017 | 36 | 67147 | 22.25 |
2016 | 26 | 26494 | 14.9 |
2007 के बाद पहली बार
सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि 2020 कोविड के चलते आशंकाओं का साल रहा, लेकिन इन सबके बीच में यह संभावनाओं का भी साल बनकर आया। यही वजह है कि निवेशकों के लिए 2007 के बाद यह पहला ऐसा साल था, जब उन्हें जोरदार रिटर्न हासिल हुए हैं। अगर 2007 की बात करें तो आईपीओ का औसत रिटर्न 90 फीसदी था, जबकि इस बार यह 61 फीसदी के पार है। जबकि लिस्टिंग गेन भी इस साल 35 फीसदी के पार माना जा रहा है, जो 2007 में करीब 29 फीसदी रहा था।
वर्ष 2020 के बेस्ट आईपीओ
कंपनी | इश्यू प्राइस ( रुपए में ) | लिस्टिंग डे गेन ( फीसदी में ) |
बर्गर किंग | 60 | 130.67 |
हैप्पीएस्ट माइंड्स | 166 | 123.49 |
रूट मोबाइल | 350 | 86.3 |
रोसरी बायोटेक | 425 | 74.67 |
जहां कोरोना बेअसर, वहीं फायदा
अधिक सब्सक्रिप्शन वाले ज्यादातर आईपीओ उन्हीं सेक्टर्स से जुड़े हुए थे, जिन पर कोविड-19 का असर नहीं पड़ा। इस सूची में कमर्शियल रियल एस्टेट, टेक्नोलॉजी, स्पेशलिटी केमिकल शामिल रहें। इन कंपनियों में कैम्स, यूटीआई एएमसी आदि शामिल रहीं। निवेशकों ने ऐसी कंपनियों में निवेश को प्राथमिकता दी, जो अपने सेक्टर की दिग्गज हैं या जिन पर कोरोना का असर काफी कम रहा।
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