नई दिल्ली। केंद्र ने शनिवार को कहा कि तमिलनाडु को छोड़कर सभी राज्यों ने 'पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता' के लिए घोषित नई योजना का लाभ उठाया है। इस योजना का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के चलते राजस्व की कमी का सामना कर रहे राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए सहायता देना है।
मंत्रालय की ओर से आया बयान
वित्त मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, "केंद्र सरकार की प्रतिकूल वित्तीय स्थिति के बावजूद, वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूंजीगत व्यय के संबंध में राज्य सरकारों को विशेष सहायता देने का निर्णय लिया गया।" बयान में कहा गया है, "इस योजना को राज्य सरकारों से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। अब तक 27 राज्यों के 9,879.61 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय प्रस्तावों को वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दी है।"
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दी जा चुकी है इतनी राशि
बयान के मुताबिक, इस योजना के तहत पहली किस्त के रूप में 4,939.81 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, जल आपूर्ति, सिंचाई, बिजली, परिवहन, शिक्षा, शहरी विकास जैसे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी व्यय परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।" इसके अलावा, इस योजना के तीन भाग हैं, जिनमें से पहला उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को शामिल करता है। बयान में कहा गया, "इस हिस्से के तहत, सात उत्तर-पूर्वी राज्यों को 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उच्च जनसंख्या और भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए, असम को योजना के तहत 450 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।"
15वें वित्त आयोग की अंतरिम मंजूरी
योजना का भाग-2 अन्य सभी राज्यों के लिए है, जिन्हें भाग-1 में शामिल नहीं किया गया है। इस भाग के लिए 7500 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। इस राशि का आवंटन इन राज्यों के बीच वर्ष 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग की अंतरिम मंजूरी के अनुरूप केंद्रीय कर के उनके हिस्से के अनुपात में किया गया है।
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भाग तीन में 2000 करोड़ का लक्ष्य
योजना के भाग-3 का लक्ष्य राज्यों में विभिन्न लोक केंद्रित सुधारों को बढ़ावा देना है। इस भाग के तहत, 2000 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। यह राशि केवल उन्हीं राज्यों को उपलब्ध होगी, जिन्होंने सुधार संबंधित अतिरिक्त उधारी अनुमतियों के संबंध में वित्त मंत्रालय द्वारा दिनांक 17 मई, 2020 के अपने पत्र में निर्दिष्ट चार सुधारों में से कम से कम तीन सुधार कार्यान्वित किए हैं। ये चार सुधार हैं- एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, व्यवसाय करने की सुगमता सुधार, शहरी स्थानीय निकाय/उपयोगिता सुधार तथा बिजली क्षेत्र में सुधार।
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