नई दिल्ली: वैसे तो हर क्षेत्र में नेपोटिज्म में देखने को मिलता है। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में इसका काफी प्रभाव है। नेपोटिज्म को लेकर बॉलीवुड पर कई बार सवाल खड़े हो चुके हैं। कुछ महीनों पहले एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद यह मुद्दा गरमाया हुआ था। कहा गया कि वह भाई-भतीजावाद का शिकार हुए थे। जिसके बाद कई सेलेब्स सामने आए और उन्होंने खुद के साथ हुए नेपोटिज्म की घटना का जिक्र किया। अब इस मुद्दे पर 50 साल से फिल्म इंडस्ट्री में काम करते आ रहे फिल्ममेकर सुभाष घई ने अपनी बात रखी।
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यहां काफी कॉम्पिटीशन है
सुभाष घई का मानना है कि बॉलीवुड में किसी का नेपोटिज्म नहीं है और अब यहां सिर्फ काबिल लोगों को ही काम मिलता है। एक न्यूज पोर्टल से बात करते हुए सुभाष घई ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री काफी आगे बढ़ चुकी है। यह दुनिया में सबसे फिल्में बनाती है। दुनिया के कुछ सबसे टैलेंटेड लोग इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में काम करते हैं। इसलिए यहां काफी कॉम्पिटीशन है।
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काबिल लोगों को ही काम मिलता है
सुभाष घई ने आगे कहा कि बॉलीवुड में अब नेपोटिज्म नहीं रहा है। नेपोटिजम की जगह काबिलीयत ने ले ली है। जो सबसे ज्यादा काबिल होता है, यहां उसी को काम मिलता है और वो ही कामयाब होता है। उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को सामने लाती है जो अपने काम में बेस्ट होता है। लोग इस बारे में जानते हैं। फिल्म इंडस्ट्री देश के लिए हमेशा सही काम करती है।
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