बेंगलुरु में भारी बारिश ने हाहाकार मचा दिया है, जिससे IT कंपनियों का करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं भारी बारिश से आई बाढ़ ने करोड़ों की बेंटले, ऑडी और लेक्सस जैसी महंगी कारों के साथ अन्य कारों को भी डूबो कर रख दिया। बाढ़ के कारण गाड़ियां कई घंटों व दिन तक पानी में डूबी रही। ऐसी में जिसमें भी इस तरह की फोटो देखी उसके मन में सिर्फ एक सवाल उठा कि इन गाड़ियों का अब क्या होगा? इसमें इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा भी या नहीं मिलेगा?
इसी को लेकर चेन्नई के एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म के प्रोफेसर केएन अरुण ने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि 2015 के दौरान आई बाढ़ में उनकी दो गाड़िया पानी में डूब गई थी और उन्हें दोनों ही गाड़ियों में आसानी से इंश्योरेंस का क्लेम मिल गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2015 में चेन्नई में पिछले 100 सालों में सबसे ज्यादा बारिश हुई थी, जिससे शहर के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ गए थे।
ऐसा करने पर गाड़ियों में नहीं मिलेगा इंश्योरेंस क्लेम
प्रोफेसर केएन अरुण ने बताया कि 2015 की बाढ़ के बाद कई लोगों ने अपनी गाड़ियों को ऑन करने की कोशिश की, जिसके कारण उन्हें इंश्योरेंस क्लेम नहीं मिला। उन्होंने कहा कि बाढ़ ही नहीं बल्कि सड़क पर जलभराव भी है तो गाड़ियों को नहीं चलाना चाहिए। ऐसी स्थिति में गाड़ियों को प्रोफेशनल्स की मदद से टो करा लेना चाहिए। वहीं बाढ़ में गाड़ी डूबने पर सबसे अच्छा ऑप्सन यह है कि इंश्योरेंस कंपनी को कॉल करके इसके बारे में जल्द से जल्द अनुरोध दर्ज करा दें और कभी भी गाड़ी को ऐसी स्थिति में स्टार्ट करने की कोशिश बिल्कुल भी न करें नहीं तो क्लेम नहीं मिलेगा।
बेंगलुरू के लोगों को 2015 के दौरान आई बाढ़ के पीड़ित प्रोफेसर ने दी सलाह
2015 के दौरान आई बाढ़ के पीड़ित प्रोफेसर केएन अरुण ने बेंगलुरू के लोगों को सलाह दी कि बाढ़ में डूबी हुई गाड़ी को बाढ़ खत्म हो जाने के बाद कभी बी स्टार्ट करने की कोसिश न करें क्योंकि इससे गाड़ी का इंजन डैमेज हो सकता है, जिसके कारण इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं मिलेगा। इसकी जगह वह प्रोफेशनल्स की मदद लेते हुए उनकी सलाह ले सकते हैं।
बढ़ जाएंगे इंश्योरेंस क्लेम के लिए आवेदन
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के मोटर इंश्योरेंस रिन्यूअल्स हेड अश्विनी दुबे ने कहा कि बेंगलुरू में जलभराव की स्थिति सामान्य हो जाने पर इंश्योरेंस क्लेम के लिए आवेदन बढ़ जाएंगे, लेकिन कई मामलों में ग्राहकों का इंश्योरेंस बाढ़ के कारण इंजन को हुए नुकसान पर क्लेम नहीं देती है। इसके लिए ग्राहकों को इंजन प्रोटेक्शन ऐड-ऑन कवर ले लेना पड़ता है।
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