5जी स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। इस प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हैं क्योंकि इसमें रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आईडिया और अडानी एंटरप्राइजेज समेत 4 कंपनियां बोली लगाएंगी। सभी में इस बात को लेकर जिज्ञासा है की आखिर 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की बोली कौन जीतेगा। बता दें कि 9 बैंड्स में करीब 72,000 मेगाहर्ट्ज की नीलामी 20 साल के लिए होगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने 15 जून को 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दी थी। इसके लिए नॉन टेलेकोमे सर्विस प्रदाताओं को भी शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
अडानी की कंपनी पहली बार टेलीकॉम सेक्टर में उतरेगी
अडानी की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज पहली बार टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री के लिए बोली लगाएगी। इस नीलामी से पहले ही दूरसंचार विभाग के पास रिलायंस जियो ने EMD (बयाना राशि) राशि 14,000 करोड़ रुपये, अडानी एंटरप्राइजेज ने 100 करोड़ रुपये, भारती एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइडिया ने 2,200 करोड़ रुपये की EMD राशि जमा की है। EMD राशि नीलामी में स्पेक्ट्रम लेने के लिए शामिल कंपनियों की भूख, रणनीति और योजना को दर्शाती है।
दूरसंचार विभाग को कैसे लाभ?
सामने आ रही जानकारी के अनुसार, इस नीलामी से दूरसंचार विभाग को 70,000 करोड़ रुपये से लेकर 1,00,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इस बोली के बाद देश में इस साल के अंत तक 5 जी सेवाएं जल्द ही शुरू हो सकती है। ।
कौन-कौन सी रेंज होगी शामिल?
बता दें 9 बैंड्स में करीब 72,000 मेगाहर्ट्ज की नीलामी 20 साल के लिए होगी। नीलामी में ये (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz), मिड (3300 MHz) और हाई फ्रीक्वन्सी बैंड (26GHz) रेंज में होंगी। इन बैंडस का इस्तेमाल मोबाइल कंपनियां कई सेवाओं के लिए कर सकती हैं।
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