'भाबीजी घर पर हैं' ने दीपेश भान खूब पॉपुलैरिटी दिलाई थी। टिल्लू, टीका और मलखान की ये तिकड़ी जब भी शो में आती थी तो दर्शकों के चेहरों पर मुस्कान ला देती थी, लेकिन क्या आपको पता है कि उन्हें इस सीरियल में काम कैसे मिल था। एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि उन्हें ये रोल कैसे मिला था। इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्हें 'भाबीजी घर पर हैं' शो कैसे ऑफर हुआ था। एक्टर ने बताया था कि दिल्ली में थियटर के दिनों में उन्होंने ब्रज भाषा सीखी थी। इसका लाभ उन्हें 'भाबीजी घर पर हैं' के ऑडिशन के दौरान मिला।
'भाबी जी...' के ऑडिशन के दौरान दीपेश ने अपने किरदार के लिए ब्रज भाषा का इस्तेमाल किया और निर्देशक शशांक बाली को ये पसंद आया और वो सिलेक्ट हो गए थे। उन्होंने इंडस्ट्री औक सपनों से जुड़ी सच्चाई पर भी बात की थी।
उन्होंने कहा था, 'आपको लगता है कि आप जाओगे और एक ऑडिशन देने के बाद आपकी फिल्म लेगगी और आपके घर के बाहर जो सिनेमा हॉल है, वहां आपके पोस्टर लगेंगे, लेकिन जब मुंबई आते हो तो 6 महीने में ही आपके तोते उड़ जाते हैं।'
'भाबीजी घर पर हैं' में उनके डायलॉग लोगों को बहुत पसंद थे। वो अलीगढ़ की बृज भाषा में बोलते थे, 'का चल्लो है?', 'का होरो है?' इन पंचलाइन ने ही उनके किरदार को फेमस बना दिया था।
दीपेश भान दिल्ली के ही रहने वाले थे और एनएसडी के स्टूडेंट रह चुके थे। थियेटर के मंझे हुए कलाकार दीपेश भान को असली पहचान भाबीजी घर पर हैं शो से ही मिली थी। दीपेश को हर एपिसोड के लिए 25 हजार रुपये मिलते थे।
इससे पहले कॉमेडी का किंग कौन, कॉमेडी क्लब, भूतवाला, एफआईआर समेत बिंदास टीवी के चैंप और सुन यार चिल मार जैसे शो में वो नजर आ चुके थे। साल 2007 में आई फिल्म ‘फालतू उटपटांग चटपटी कहानी’ में भी दीपेश ने काम किया था। इतना ही नहीं वो आमिर खान के साथ टी-20 वर्ल्ड कप के ऐड में भी दिखाई दिए थे। मई 2019 को उन्होंने दिल्ली में शादी की थी। पिछले साल जनवरी में ही दीपेश एक बच्चे के पिता बने थे।
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