नई दिल्ली। सिंगापुर की एक अदालत ने अमेजन (amazon) की अपील पर सुनवाई करते हुए रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप (reliance-future deal) के बीच हुई डील पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश जारी किया है। रिलायंस (reliance) ने फ्यूचर ग्रुप (future) के रीटेल और होलसेल बिजनेस को खरीदने के लिए 24,713 करोड़ रुपए में सौदा किया है। कोर्ट के फैसले के बाद रिलायंस ग्रुप (reliance group) की तरफ से मीडिया नोट जारी किया गया है।
अमेजन की आपत्ति
दरअसल, अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए अमेजन ने 1,500 करोड़ रुपए का पेमेंट किया था। इस डील में शर्त थी कि अमेजन को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा। अमेजन के मुताबिक, इस डील में एक शर्त यह भी थी कि फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेचेगा।
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अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप पर लगाया उल्लंघन का आरोप
जेफ बेजोस की कंपनी अमेजन ने मध्यस्थता अदालत में कहा कि फ्यूचर ग्रुप ने रिटेल असेट्स की रिलायंस को बिक्री करके समझौते का उल्लंघन किया है। उधर, फ्यूचर ग्रुप ने मध्यस्थता अदालत में कहा कि यदि रिलायंस के साथ डील नहीं हो पाती है तो उसे अपने 1500 से आउटलेट्स को बंद करना पड़ेगा। इससे फ्यूचर ग्रुप और वेंडर्स फर्म के करीब 29 हजार कर्मचारियों की नौकरी पर संकट पैदा होगा।
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फिलहाल सौदे को रोकने का आदेश
अमेजन बनाम फ्यूचर बनाम रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस मामले में एकमात्र मध्यस्थ वीके राजा ने अमेजन के पक्ष में अंतरिम फैसला सुनाया। उन्होंने फ्यूचर ग्रुप को फिलहाल सौदे को रोकने को कहा। उन्होंने कहा कि जब तक इस मामले में मध्यस्थता अदालत अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच जाती है, तब तक सौदा नहीं किया जा सकता है। अमेजन के एक प्रवक्ता ने भी मध्यस्थता अदालत के इस निर्णय की पुष्टि की है। उसने कहा कि मध्यस्थता अदालत ने कंपनी के द्वारा मांगी गई राहत प्रदान की है।
अंबानी खेलना चाहते हैं बड़ा दांव
तेल, टेलिकॉम और डिजिटल मार्केट में कब्जे के बाद अब रिटेल सेक्टर में मुकेश अंबानी बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं। इसी के तहत रिलायंस रिटेल में जमकर विदेश निवेश हो रहा है। मौजूदा दौर में रिलायंस रिटेल की वैल्यु 4.28 लाख करोड़ की है। जो रिटेल मार्केट की कुल हिस्सेदारी की 10 फीसदी के आसपास बैठती हैं। मतलब 90 फीसदी का बाजार अभी भी खुला है। इसलिए इस बड़े बाजार पर अंबानी और बेजोस दोनों कब्जा करना चाहते हैं।
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