नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव ( bihar assembly election ) में अब दूसरे और तीसरे चरण को लेकर राजनीति दलों ने कमर कस ली है। यही वजह है कि इन दोनों चरणों के लिए एनडीए और महागठबंधन के स्टार प्रचारक अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुटे हैं। दूसरे चरण की बात करें तो 17 जिलों की 94 सीट पर होने वाले मतदान में कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है।
खास तौर पर इस चरण में लालू के दो लाल और महागठबंधन का सीएम चेहरा यानी तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) की साख दांव पर है। वहीं तेज प्रताप के भाग्य का फैसला भी इसी चरण के मतदान में होना है।
यही नहीं इसके अलावा नीतीश कुमार के मंत्रीमंडल के तीन मंत्रियों की किस्मत दूसरे ही चरण में ईवीएम में कैद होगी।
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दूसरे चरण के आंकड़ों पर नजर |
- 3 नवंबर को होना है मतदान |
ये सीटें दूसरे चरण में शामिल
इस चरण में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, नालंदा और पटना जिले की विधानसभा सीटें शामिल हैं।
आरजेडी के लिए अहम दूसरा चरण
बिहार विधानसभा चुनाव का दूसरा चरण आरजेडी के लिए काफी खास है। क्योंकि इसी चरण में पार्टी के दोनों दिग्गज नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के भाग्य का फैसला होगा। 56 सीटों पर चुनाव लड़ रही आरजेडी की 31 सीटिंग सीटें हैं।
महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव वैशाली के राघोपुर से चुनावी मैदान में हैं। जबकि पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव समस्तीपुर के हसनपुर से ताल ठोंक रहे हैं। वहीं आरजेडी प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता उजियारपुर से किस्तम आजमा रहे हैं।
जबकि पूर्व सांसद और युवा RJD के अध्यक्ष शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल बिहपुर सीट से मैदान में हैं। बाहुबली रीतलाल यादव भी दानापुर सीट से चुनावी मैदान में हैं।
3 मंत्रियों की साख भी दांव पर
नीतीश सरकार के तीन मंत्रियों की साख भी दूसरे चरण के पर टिकी है। इनमें मधुबन सीट से बीजेपी विधायक व सहकारिता मंत्री राणा रंधीर, गौड़ा बोराम से जेडीयू व मंत्री विधायक मदन सहनी और पटना साहिब से बीजेपी विधायक व मंत्री नंद किशोर यादव शामिल हैं।
2015 का समीकरण
पिछले चुनाव की बात करें तो दूसरे चरण के 94 सीटों में से आरजेडी के कब्जे में 31 सीटें आई थीं। जबकि जेडीयू के हाथ 29 सीटें लगी थीं। जबकि बीजेपी को 19 और कांग्रेस को 6 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। सीपीआई और एलजेपी के एक-एक वहीं दो निर्दलीय विधायक जीते थे।
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