वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना चौथा बजट पेश करेंगी। इस बजट पर पूरे देश की निगाहें होंगी कि सरकार आम जनता को महंगाई और बेरोजगारी से राहत देती है या नहीं। इस बात पर भी जनता का ध्यान होगा कि सरकार कैसे राजकोषीय घाटे और योजनाओं के बीच के खर्च को संतुलित करती है। कहा जा रहा है इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीताररमण फिस्कल डेफिसिट को कम करने की बजाय खर्च में वृददहू कर आर्थिक विकास को महत्व दे सकती है। देश के अर्थशास्त्रियों की मानें तो केंद्र सरकार इनकम टैक्स में शायद ही बदलाव करे परंतु बजट में इजाफा देखने को मिल सकता है।
बजट का आकार इस बार 39.6 लाख करोड़ होने की उम्मीद है। इस बार सरकार योजनाओं पर खर्च को भी बढ़ा सकती है जिसके लिए सरकार 13 लाख करोड़ रुपए कर्ज और परिसंपत्तियों की बिक्री से जुटाने का लक्ष्य तय कर सकती है। इस बार 6 फीसदी से अधिक राजकोषीय घाटे की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
इन मुद्दों पर राहत की उम्मीद
महंगाई
दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.59% रही जोकि 6 माह में सबसे अधिक है। थोक महंगाई दर का आंकड़ा 13.56 फीसदी है। आरबीआई की मानें तो महंगाई के कारण लोगों की बचत आधी से भी कम हो गई है। ऐसे में सरकार इसपर काबू करने के लिए कोई ठोस उपाय कर सकती है।
बेरोजगारी
अर्थव्यवस्था से 20 करोड़ नौकरियां गायब हैं। अभी 40 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है जबकि आर्थिक ग्रोथ के लिए 60 करोड़ लोगों को देश के श्रमबल में होना चाहिए।
वर्ष 2017 में बेरोजगारी दर 5.17 फीसदी थी जोकि 2021 में 7.80% रही। ऐसे में रोजगात्र बढ़ाने के कदमों का ऐलान हो सकता है।
इसके अलावा कृषि को लेकर भी ऐलान हो सकता है। बजट में कृषि लोगन का लक्ष्य 18 लाख करोड़ रुपए हो सकता है।
पीएलाआई
केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण सेक्टर्स के लिए production linked incentive का दायरा और राशि बढ़ा सकती है ताकि उत्पादन के साथ रोजगार भी बढ़े।
क्रिप्टोकरेंसी
इस बजट में सरकार क्रिप्टोकरेंसी खरीद और बिक्री TDS के दायरे में आ सकता है।
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