आम आदमी की जेब पर एक बार फिर बोझ बढ़ने वाला है। इसकी वजह है गुड्स एंड सर्विस टैक्स। दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यता में चंडीगढ़ में जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक चल रही है। इस बैठक में कई चीजों के टैक्स की दरों में बदलाव करने और कुछ चीजों पर टैक्स छूट खत्म करने का फैसला लिया गया है। ऐसे में अब आपको ब्रैंडेड दही-पनीर समेत कई चीजों के लिए ज्यादा कीमत चुकाना होगी। यही नहीं गैर ब्रैंडेड चावल और आटा पर भी टैक्स लगाने की तैयारी हो रही है। पहले से ही महंगाई की मार झेल रही आम जनता के लिए ये बड़ा झटका साबित हो सकता है। इतना ही नहीं बैंक की खास सर्विस के पर अब टैक्स लगाने का फैसला लिया गया है।
जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक का आज अंतिम दिन है। इस बैठक के पहले ही दिन कुछ चीजों के टैक्स दायरों में बदलाव पर चर्चा हुई। ऐसे में रोजमर्रा की कई चीजों के दाम बढ़ने वाले हैं।
यानी आदम आदमी की जेब पर बोझ भी बढ़ने वाला है। आइए जानते हैं कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में किन चीजों के दामों को बढ़ाने का फैसला हुआ है।
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ये होगा महंगा
जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीन चीजों पर टैक्स लगाने की तैयारी की जा रही है उनमें, अब दही, पनीर, शहद, मांस और मछली जैसे डिब्बा बंद और लेबल-युक्त या ब्रांडेड चीजें महंगी हो जाएंगी।
क्योंकि इन खाद्य पदार्थों पर माल एवं सेवा कर यानी GST T लगाने का फैसला हुआ है। इसके अलावा अब गैर ब्रैंडेड चावल और आटा भी टैक्स लगेगा। दरअसल अब तक सिर्फ ब्रैंडेड चावल और आटा पर ही जीएसटी लगता था, लेकिन राज्यों के रेवेन्यू को बढ़ाने के मकसद से गैर ब्रैंडेड चीजों पर भी कर लगाने का निर्णय लिया गया है।
बैंक की इस सुविधा पर लगेगा टैक्स
बैंक हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा। लेकिन अब बैंक के जरिए लेन-देन पर भी टैक्स लगेगा। हालांकि ये टैक्स चेक जारी करने पर लगेगा। दरअसल चेक जारी करने पर बैंकों की ओरसे लिए जाने वाले शुल्क पर 18 फीसदी GST लगेगा। वहीं एटलस समेत नक्शे और चार्ट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया है।
होटल में रहना भी होगा महंगा
बिजनेस या घूमने के लिए अगर आप होटल का इस्तेमाल करते हैं खास तौर पर सस्ती दरों वाले होटल ढूंढते हैं तो अब यहां भी आपको अपनी जेब ज्यादा ढीली करना होगी। क्योंकि जीएसटी की बैठक में 1,000 रुपए प्रतिदिन से कम किराए वाले होटल कमरों पर 12 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। अभी इसपर कोई कर नहीं लगता है।
आज इन मसलों पर होगा फैसला
जीएसटी परिषद की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन बुधवार को जिन मसलों पर फैसला होगा उनमें राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति व्यवस्था जून, 2022 के बाद भी जारी रखने की मांग पर विचार किया जा सकता है।
कसीनो और ऑनलाइन गेमिंग पर नजर
इसके अलावा कसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी जीएसटी लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ जैसे विपक्ष-शासित राज्य जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था को पांच साल के लिए बढ़ाने या राजस्व में राज्यों की हिस्सेदारी मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 70-80 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं। इस पर भी बैठक में फैसला हो सकता है।
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