कहीं न कहीं, ग्लोबल मंदी की आहट धीरे धीरे भारत में भी सुनाई देना शुरू हो गई है और अब इसका असर शेयर मार्केट पर भी पड़ता नजर आ रहा है। बुरी खबर ये है कि अभी तक भारतीय शेयर बाजार इस मंदी की आहट से दूर थे, लेकिन इस हफ्ते के पहले ही कारोबारी दिन यानी सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों में भी काफी बंपर गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट को अमरीकी फेडरल बैंक के चेयर जेरोम पॉवेल के उस बयान से जोड़ा जा रहा है जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता महंगाई को काबू करना है, शेष चीजें अपने आप काबू में आ जाएंगी। प फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) का फोकस अभी महंगाई को वापस 2 फीसदी के लक्ष्य पर लाने पर है।
ग्लोबल मार्केट के संकेतों से गिरा भारतीय शेयर बाजार
शुक्रवार को अमरीका बाजार में भारी गिरावट के बाद सोमवार को ग्लोबल मार्केट से मिले बेहद खराब संकेतों से हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार यानी 29 अगस्त 2022 को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई। सोमवार को BSE और NSE दोनों ही बेहद धीमी शुरुआत के साथ लाल निशान पर खुले।
सेंसेक्स में 2 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट
बाजार में चौतरफा बिकवाली से BSE का मेन इंडेक्स सेंसेक्स 1460 अंक गिरकर खुला। इस दौरान सेंसेक्स में 2 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं निफ्टी की शुरुआत 370 अंक गिरकर 17,200 के नीचे हुई। कारोबार की शुरुआत में ही सेंसेक्स पैक के 30 में से 30 शेयरों में गिरावट देखने को मिली। कमजोर ग्लोबल संकेतों से सभी सेक्टर्स लाल निशान में थे। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी आईटी इंडेक्स में 4।57% रही। इसके अलावा, बैंक निफ्टी (2।63%), मेटल (2।89%), रियल्टी (2।90%), ऑटो (1।85%) टूटे हैं।
फेडरेल बैंक के चेयरमैन ने बयान के बाद आई गिरावट
बता दें कि अमेरिका फेडरल बैंक के चेयरमैन ने कहा है कि महंगाई पर काबू पाने में समय लगेगा। महंगाई के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। आगे भी ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी की जरूरत संभव है। फेड चेयरमैन के बयान से ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट आई है। FIIs ने शुक्रवार को कैश में 51 करोड़ रुपये की बिकवाली की जबकि DIIs ने 454 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
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