नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2020) को लेकर राज्य में सियासी गहमागहमी जारी है। सभी पार्टियों ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। कई नए चेहरों को इस बार मौका मिला है, तो कईयों का पत्ता साफ हो गया है। लिहाजा, कुछ नेता अपनी ही पार्टी के खिलाफ बागी हो गए हैं। इसी कड़ी में जेडीयू ( JDU ) नेता प्रमोद सिंह ( Pramod Singh ) ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह अगामी आठ अक्टूबर को अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे।
प्रमोद सिंह ने JDU को कहा अलविदा
दरअसल, मंगलवार को एनडीए ( NDA ) में सीटों का बंटवारा हुआ। सीट बंटवारे में कैमूर जिले के चारों विधानसभा सीट बीजेपी के खाते में चली गई है। इससे जेडीयू के कैमूर जिला अध्यक्ष डॉक्टर प्रमोद सिंह नाराज हो गए। मंगलवार शाम को उन्होंने एक प्रेस कॉनफ्रेंस बुलाई और जेडीयू छोड़ने का ऐलान किया। प्रमोद सिंह ने कहा कि वह अब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और अगामी आठ अक्टूबर को अपना नामांकन पर्चा दाखिल करेंगे। इतना ही नहीं प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान प्रमोद सिंह फूट-फूट कर रोने लगे। पार्टी से नाराज प्रमोद सिंह ने कहा कि इस चुनाव में हमारे कार्यकर्ता कैमूर जिले में सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हराने का काम करेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने गठबंधन पर भी सवाल उठाया। प्रमोद सिंह ने कहा कि आखिर चारों सीट बीजेपी के खाते में कैसे चली गई। इतना ही सांसद की सीट भी बीजेपी के पास चली गई और दो एमएलसी की सीट भी बीजेपी के खाते में है।
प्रमोद सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान
प्रमोद सिंह ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया है कि वर्चुअल रैली के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे कहा था कि उन्हें यहां से नेतृत्व करने का मौका मिलेगा। लेकिन, नीतीश कुमार अपने बयान से पलट गए। इसलिए, हम अपने कार्यकर्ताओं से माफी मांगते हैं और अब निर्दलीय चुनाव लड़ेगे। प्रमोद सिंह के समर्थकों ने भी उनके फैसले का समर्थन किया है। गौरतल है कि कैमूर जिले में रामगढ़, मोहनिया, चैनपुर, भभुआ विधानसभा सीट हैं। 2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इन चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब देखना ये है कि प्रमोद सिंह के पार्टी छोड़ने से एनडीए को फायदा होता है या फिर नुकसान।
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