गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर, 1963 को मुंबई में हुआ था. गोविंदा के पिता अरुण अहुजा विभाजन से पहले पंजाब के गुजरांवाला में रहते थे. अनुभवी फिल्म निर्माता महबूब खान के कहने पर अरुण अहुजा मुंबई आ गए थे। 1937 में मुंबई आने के बाद महबूब खान ने उन्हें अपनी फिल्म एक ही रास्ता में अभिनय करने का अवसर दिया। गोविंदा की माता नजीम मुसलमान थीं। धर्म परिवर्तन करने के बाद उन्होंने अपना नाम निर्मला देवी रख लिया था. निर्मला देवी भी फिल्म अदाकारा थीं गोविंदा जब हिन्दी सिनेमा में आए उस समय का दौर एक्शन और रोमांस का था। उस समय कॉमेडी के क्षेत्र में कोई ऐसा हीरो नहीं था जो फिल्म में लीड रोल निभा सके।
1987 में रिलीज हुई फिल्म 'घर में राम, गली में श्याम' के दौरान एक इंटरव्यू में अभिनेता ने फिल्म उद्योग में अपनी शुरुआत के बारे में बात की और बताया कि कैसे वह एक ही समय में कई स्क्रिप्ट्स पर काम कर रहे थे। इस इंटरव्यू के दौरान गोविंदा ने खुलासा किया था कि उस दौर में उनके पास 70 फिल्में थी।गोविंदा ने ये भी बताया कि स्टारडम और टाइट शेड्यूल के चलते उन्होंने कई फिल्मों को ठुकरा भी दिया था। एक समय था तब गोविंदा ने करीब 10 फिल्म एक साथ मना कर दिया था।
अब की बात करें तो साल 2019 में उनकी आखिरी फिल्म रिलीज हुई थी। भले ही अब काम कम मिलने के कारण वह पर्दे से दूर है। लेकिन एक्टर आए दिन सुर्खियों में बने रहते है। और आलिशान जीवन भी जी रहें हैं। उनकी फैंन फोलोइंग अब भी काफी है। गोविंदा 90 के दशक में सबसे अधिक मांग में थे।
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