आज बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सुनील दत्त (Sunil Dutt) की 93वीं जयंती है. आज ही के दिन साल 1929 में उनका जन्म झेलम जिले में हुआ था, जो आज के समय में पाकिस्तान का एक हिस्सा है. सुनील दत्त का असली नाम बलराज दत्त है. वहीं 76 साल की उम्र में साल 2005 में दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मृत्यु हो गए थी, जो बॉलीवुड के एक बड़ी श्रति थी. उनके जाने के बाद इंडस्ट्री के लोगों समेत उनके फैंस का दिल टूट गया था. भले ही आज वो हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी फिल्में गाने और उनकी जिंदगी से जुड़े किस्से आज भी फैंस के बीच उनको यादों को ताजा रखते हैं.
ऐसा ही एक किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे हैं. सुनील दत्त ने अपने लंबे करियर में करीबन 50 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, जिनमें से ज्यादातर हिट ही रही हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरूआत साल 1955 में रिलीज हुई फिल्म ‘रेलवे प्लेटफॉर्म’ से की थी. सुनील दत्त हमेशा से ही अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा नहीं जानते. सुनील दत्त ने कम के कम 6 दशकों तक बॉलीवुड और अपने फैंस के दिलों पर राज किया. बताया जाता है कि सुनील दत्त और परेश रावल (Paresh Rawal) बेहद अच्छे दोस्त हुआ करे थे.
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अपने निधन से कुछ घंटे पहले ही सुनील दत्त ने अपने खास दोस्त परेश रावल के जन्मदिन पर एक खत भी लिखा था, जिसका जिक्र परेश रालव ने साल 2018 में आई फिल्म ‘संजू’ के दौरान किया था. इस फिल्म में परेश रावल ने ही सुनील दत्त की भूमिका निभाई थी और रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) ने सुनील दत्त के बेटे और एक्टर संजय दत्त (Sanjay Dutt) की भूमिका निभाई थी. अपनी मौत से ठीक पहले सुनील दत्त ने परेश रावल को खत में जन्मदिन की बधाई दी थी. सुनील दत्ते ने ये खत लेटरहेट पर लिखा था. साथ ही अपने एक इंटरव्यू के दौरान सुनील दत्त ने बताया था कि 'देश के विभाजन के समय उनके परिवार को उनके पिता के मुस्लिम मित्र याकूब ने बचाया था'.
उस समय को याद करते हुए सुनील दत्तन ने अपने इंचरव्यू में बताया था कि 'पाकिस्तान के पंजाब में खुर्द में उनके गांव से कुछ किलोमीटर दूर रहने वाले व्यक्ति ने उन्हें भारत भागने में मदद की थी'. जैसा ही हमने आपको बताया जहां सुनील दत्त का जन्म हुआ था वो हिस्सा अब पाकिस्तान में का एक हिस्सा है. विभाजन के दैरान सुनील दत्त महज 18 साल के थे और भारत आ गए थे. खास बात तो ये थी कि जब एक बड़ा फिल्म स्टार बनने के दशकों बाद सुनील अपने पैतृक गांव गए तो वहां बेहद ही गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया. साथ ही सुनील दत्त ने ये भी बताया था कि 'लोग उनसे मिलने आए और उनके नाम के साथ बड़े-बड़े बैनर लटकाए गए थे'.
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