Thursday, August 11, 2022

अटल पेंशन योजना में बड़ा बदलाव, 1 अक्‍टूबर 2022 से लागू होगा ये नया नियम, जानिए निवेशकों पर क्या पड़ेगा असर

Atal Pension Yojana: असं‍गठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को पेंशन की सुविधा देने के मकसद से सरकार ने अटल पेंशन योजना की शुरुआत की थी, जिसमें अब 1 अक्‍टूबर 2022 से सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है। केंद्र सरकार ने अटल पेंशन योजना के निवेश नियमों में संशोधन किया है, जिसके बाद इनकम टैक्‍सपेयर यानी आयकरदाता 'अटल पेंशन योजना' में निवेश नहीं कर पाएंगे। 'अटल पेंशन योजना' में यह बदलाव 1 अक्‍टूबर से लागू होगा।

वित्त मंत्रालय ने 'अटल पेंशन योजना' को लेकर नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि 1 अक्टूबर 2022 से कोई भी टैक्‍सपेयर व्यक्ति APY में निवेश करने के लिए पात्र नहीं होगा। अगर कोई भी टैक्‍सपेयर व्यक्ति 1 अक्टूबर 2022 के बाद अटल पेंशन योजना में अकाउंट खोलता है तो जांच के बाद ऐसे अकाउंट को बंद कर दिया जाएगा और उस समय तक अटल पेंशन योजना में जमा हुए पैसों को ग्राहक के आकउंट में ट्रासंफर कर दिया जाएगा।

 

'अटल पेंशन योजना' के दुरुपयोग को रोकने में मिलेगी मदद


'अटल पेंशन योजना' की शुरुआत के समय केंद्र सरकार ने कहा था कि इस योजना के द्वारा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को वित्तीय सहायता मिलेगी। सरकार ने इस योजना की शुरुआत में ही बताया था कि यह योजना निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए है। निवेश एक्सपर्ट ने बताया कि सरकार के इस कदम से वास्तविक रूप से पात्र लोगों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा। यह एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो कम आय वाले लोगों के लिए है। वित्‍त मंत्रालय के इस नोटिफिकेशन के बाद इस सामाजिक सुरक्षा योजना के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिलेगी।

 

अटल पेंशन योजना में मिलती है न्यूनतम गारंटी पेंशन


अटल पेंशन योजना के निवेशकों के निवेश के हिसाब से 60 साल की उम्र के बाद न्यूनतम गारंटी पेंशन मिलती है। हालांकि इस योजना के जरिए व्यक्ति 1 हजार रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक की ही गारंटी पेंशन प्राप्त कर सकता है। इस योजना में रिटर्न के हिसाब से ही निवेश की राशि तय होती है। वहीं इस योजना में निवेश करने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद उसके द्वारा बनाए गए नॉमिनी को उसका पैसा मिलता है।

 

2015 में शुरू हुई 'अटल पेंशन योजना'


'अटल पेंशन योजना' का संचालन पेंशन रेगुलेटर PFRDA कर रहा है, जिसकी शुरुआत साल 2015 में हुई है। यह योजना मुख्य रूप से तो असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन इस योजना में 18 से 40 साल के कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है।

 


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