जाने-माने एक्टर, प्रेजेंटर और सिंगर अनु कपूर बॉलीवुड के उन कलाकारों में से एक हैं जो फिल्मों में लीड रोल में ना होने के बावजूद नोटिस किए जाते हैं। चाहे उन्होंने जिस फिल्म में भी काम किया हो, वो फिल्म चाहे हिट हो या फ्लॉप उन्होंने अपने किरदार को दमदार बनाया है। फिल्मों से इतर टीवी शो की बात करें तो जिस शो को उन्होंने होस्ट किया उसे आज भी लोग याद करते हैं। अन्नू कपूर को जो भी किरदार मिला उसे उन्होंने जीवंत बना दिया।
20 फरवरी 1965 में भोपाल में पैदा हुए अनु बेहद जिंदादिली एक्टर हैं। एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर सिंगर, रेडियो जॉकी, टीवी होस्ट अनु ने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है, लेकिन उन्हें पॉपुलर 'अंताक्षरी' ने बनाया। उन्होंने 1983 में फिल्म 'मंडी' से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी। बॉलीवुड में उन्हें फिल्म 'उत्सव' से पहचान मिली थी। अनु कपूर के पिता मदन लाल एक थिएटर कंपनी चलाते थे। उनकी मां टीचर थीं। उनका परिवार बेहद कठिन समय से गुजरा है।
अन्नू घर में आर्थिक तंगी होने के कारण अपनी पढ़ाई नहीं पूरी कर पाए। उनकी मां 40 रुपए की सैलरी पर एक स्कूल में पढ़ाती थीं। अनू आईएएस ऑफिसर बनना चाहते थे लेकिन पैसों की तंगी के चलते अनु कपूर की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई और जिसकी वजह से उनका सपना टूट गया।
अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए अनु कपूर ने चाय का स्टॉल लगाया। जब ये काम नहीं चला तो चूरन के नोट बेचा करते थे। इतना ही नहीं अन्नू लॉटरी टिकट भी बेचते थे। कुछ समय बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन ले लिया। यहां एक नाटक के दौरान उन्होंने 23 साल की उम्र में 70 साल के बुजर्ग व्यक्ति का किरदार किया था जो फिल्मकार श्याम बेनेगल को काफी पसंद आया था। इसके बाद उन्हें फिल्म 'मंडी' में काम करने का ऑफर मिला और उन्हें साइन कर लिया गया।
'मंडी' में उनका रोल बड़ा तो नहीं था लेकिन उनके काम की सराहना हुई। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। काला पत्थर, कंधार, मशाल, मिस्टर इंडिया, गुनाहों का फैसला, तेजाब, चालबाज समेत कई मूवी हैं जिसमें उन्होंने साइड रोल किया। अनू कपूर कभी लीड एक्टर के तौर पर नजर नहीं आए लेकिन उन्होंने अपने अभिनय की छाप हमेशा छोड़ी। एक्टिंग के अलवा अनू कपूर ने डायरेक्शन में भी हाथ आजमा चुके हैं। उन्होंने 'अभय' नाम की एक फिल्म बनाई थी, जिसके लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर का शांताराम अवार्ड भी मिला था।
फिल्मों के अलावा अनू कपूर ने रेडियो और टीवी शो होस्ट किए हैं। उन्हें हिंदू शास्त्रों का भी ज्ञान है, जब वो स्टेज पर खड़े होकर बोलते हैं तो हर कोई सम्मोहित हो जाता है। टीवी शो 'अंताक्षरी' उनके यादगार शो में से एक है। इसके अलावा सीरियल में भी नजर आए। जिसमें 'परमवीर चक्र' और 'कबीर' है।
अनू कपूर का कहना है कि वो मजबूरी में इस पेशे में आए थे, लेकिन जिंदगी ने उन्हें वो सब कुछ दे दिया जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। वैसे आपको बता दें, अनु कपूर का असली नाम अनिल कपूर है। लेकिन दो सीतारों की गफलत से बचने के लिए उन्होंने अपना नाम बदल लिया और अनु कपूर रख लिया था।
अनू कपूर ने अपने करियर में तो खूब नाम कमाया। लेकिन उनकी शादीशुदा जिंदगी में कई ट्विस्ट आए। दो बार शादी की है और उनके 4 बच्चे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पहली वाइफ से डिवोर्स के बाद दूसरी शादी की, फिर दूसरी से अलग होकर दोबारा पहली वाइफ से शादी कर ली।
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अनु कपूर ने 2012 में आई फिल्म 'विक्की डोनर' में बलदेव चड्ढा का रोल प्ले कर दर्शकों का जबरदस्त मनोरंजन किया था। फिल्म से लेकर टीवी तक की दुनिया में अपने काम की अमिट छाप छोड़ने वाले अनु का बचपन भले ही मुश्किल में बीता हो लेकिन आज उनके पास मुंबई में अपना घर है, लग्जरी गाड़ियां उनके बेड़े में खड़ी है। अनु शो और फिल्मों में काम करने के लिए अच्छी खासी फीस लेते हैं। अनु कपूर एक मूवी के लिए तीन से चार करोड़ रुपए लेते हैं। एक सेलिब्रिटी वेबसाइट की रिपोर्ट्स के मुताबिक अनु की नेटवर्थ करीब 170 करोड़ की है।
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