‘ गहराइयां ‘ का टीज़र रिलीज़ हो चुका हैं। और टीज़र के अंत में क्रेडिट प्लेट भी आता हैं। इस क्रेडिट प्लेट पर इंटीमेट डायरेक्टर का नाम भी दिखाया गया हैं। जो यूक्रेनियम फिल्ममेकर डार गै को दिया गया हैं। चलिए जानते हैं इंटीमेट डायरेक्टर के बारें में।
आपको बता दें कि इस चीज़ को पब्लिक की नज़र में असीम छाबड़ा लेकर आए हैं। जो के बहुत बड़े राइटर हैं। इन्होंने इरफ़ान, शशि कपूर, प्रियंका चोपड़ा जैसे स्टार की बायोग्राफी भी लिखी हैं। इतना ही नहीं बल्कि आसिम ने प्लेट का इस पार्ट का स्क्रीनशॉट शॉट लेकर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी शेयर किया है और साथ ही यह लेख लिखा भी है कि “ मैं गलत हो सकता था, लेकिन क्या यह पहली बार है जब मैंने किसी भारतीय फिल्म (या किसी अन्य फिल्म) में "इंटिमेसी डायरेक्टर" के लिए क्रेडिट देखा है? मैं डार गै को जानता हूं और इस फिल्म में उनके योगदान को लेकर वास्तव में उत्सुक हूं।”
चलिए जानते हैं कि इंटीमेट डायरेक्टर होता क्या है आज हम आपको इस स्टोरी में इनकी में डायरेक्टर के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं।
एंटी में डायरेक्टर के पास बहुत बड़ा ज़िम्मेदारी होता हैं। किसी भी फ़िल्म या सीरीज़ में न्यूड या सेक्स सीन की शूटिंग बिना किसी गड़बड़ी के हो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी इंटीमेट डायरेक्टर की ही होती हैं। लेकिन इंटीमेट डायरेक्टर का काम सिर्फ़ इतना ही नहीं होता। कई और चीज़ें भी होती हैं जो इंटिमेट डायरेक्टर को करनी होती है चलिए जानते हैं विस्तार से।
इंडिया में डायरेक्टर के ऊपर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी होती है इंडिया में डायरेक्टर को ये देखना होता है कि एक्टर और एक्ट्रेस उस सीन के लिए कंफर्टेबल है किसी भी सेक्स प्या रोमांस वाली सीन को लेकर उन्हें निश्चित यह तय करना होता है कि एक्टर और एक्ट्रेस दोनों कंफर्टेबल हो। और शूटिंग के दौरान कोई गड़बड़ी न हो। साथ ही उन्हें दोनों के वज़न का भी समझौता न करना पड़े।
अगर किसी सेक्स वाले सीन को लेकर एक्ट्रेस शर्माती है या फिर उन्हें करने में डर लगता है तो इंटीमेट डायरेक्टर उन्हें उस सीन के लिए समझाते हैं और उनके साथ कुछ न होने देने की गारंटी भी देते हैं। बेसिकली एक्ट्रेस को पर्टिकुलर सीन्स के लिए कोच करने का काम इंटीमेट डायरेक्टर का होता हैं।
इंटीमेट डायरेक्टर को याद कर के साथ शुरुआत से ही जोड़ लिया जाता है ऐसा इसलिए किया जाता है कि वो फ़िल्म मेकर के साथ मिल कर सीन्स को कोरियोग्राफ कर सके। इनकी में डायरेक्टर ऐक्ट्रेस के कॉस्ट्यूम पर भी ध्यान रखते हैं की कौनसा कॉस्ट्यूम कितना ज़्यादा एक्सपोज़र रहेगा।
बेसीकली फ़िल्म इंडस्ट्री में इंटीमेट डायरेक्टर को हायर करने का मक़सद यह होता है कि किसी भी एक्ट्रेस के साथ कुछ ग़लत न हो जाए। या किसी भी फ़िल्म की सीन को शूट करने के दौरान उनके साथ कुछ भी ग़लत व्यवहार न हो।
इनकी में डायरेक्टर का काम तकनीकी ही नहीं बल्कि साइकोलॉजिकल भी होता हैं। किसी भी सेक्स या फिर किसिंग सीन के दौरान कोई भी एक्टर उत्तेजित हो जाता है तो उसे जज नहीं करना चाहिए। उनकी समस्या को समझना चाहिए और को एक्टर के साथ बातचीत करके उस सीन को अच्छे से निभाना चाहिए।
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