Tuesday, February 8, 2022

ऑरकुट की राह पर फेसबुक, दबदबा खत्म होने का खतरा बढ़ा

बुजुर्गों का अड्डा : फेसबुक से टीनएज यूजर दूर हो रहा है। 2010 में 94त्न टीनएजर फेसबुक का उपयोग कर रहा था। लेकिन अब उसका सबसे बड़ा यूजर बेस ही खत्म होने की कगार पर है।

बिजनेस साइकिल फंड में जोखिम-रिटर्न दोनों अधिक : जिस तरह सर्दी के बाद गर्मी और बरसात का मौसम आता है, उसी तरह अर्थव्यवस्था में भी नियमित अंतराल पर तेजी और मंदी का चक्र आता है। अलग-अलग बिजनेस साइकिल में कई सेक्टर दूसरे से बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन ने कहा, बिजनेस साइकिल के अनुरूप स्टॉक्स का चुनाव करने से निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है।
थीमैटिक फंड्स से इस तरह है अलग: बिजनेस साइकिल फंड थीमैटिक फंड और सेक्टोरल की तरह ही होते हैं, लेकिन साइक्लिक फंड्स में बिजनेस साइकिल के अनुसार जिन सेक्टर से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है, उन सेक्टर्स के स्टॉक्स को ही पोर्टफोलियो में शामिल किया जाता है। जबकि थीमैटिक फंड में किसी एक थीम जैसे आइटी, बैंकिंग, मेटल, पावर इंफ्रास्ट्रक्चर आदि के स्टॉक्स में निवेश किया जाता है।

निवेश के लिए सेक्टर का चुनाव अहम : बिजनेस साइकिल फंड के पोर्टफोलियो में डिफेंसिव और नॉन-डिफेंसिव सेक्टर दोनों के स्टॉक हो सकते हैं। डिफेंसिव सेक्टर जैसे कि फार्मा, एफएमसीजी, आईटी आदि स्थिर होते हैं और मंदी के दौर में भी ठीक प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन नॉन-डिफेंसिव स्टॉक्स जैसे फाइनेंशियल, इंफ्रा, ऑटोमोबाइल, सीमेंट आदि सेक्टर के सेयर आर्थिक तेजी के दौर में ही बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
इसलिए फायदेमंद : शेयर बाजार का प्रदर्शन काफी हद तक बिजनेस साइकिल पर निर्भर होता है। इसलिए इस श्रेणी के फंड सभी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं। बिजनेस साइकिल में 4 चरण होते हैं- विस्तार, संकुचन, मंदी और रिकवरी। यदि निवेश बिजनेस साइकिल के अनुरूप हो तो बेहतर रिटर्न मिलता है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/NzWm5rY