लता मंगेशकर का रविवार, 6 फरवरी को निधन हो गया। 'द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' कही जाने वाली लता मंगेशकर को पिछले महीने कोरोनवायरस के संक्रमित होने के बाद मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 92 वर्षीय गायक ने कुछ ऐसे क्लासिक गाने गाए थे जिन्हें आज भी देश में संगीत प्रेमियों द्वारा याद किया जाता है और संजोया जाता है। आइए हम उनकी कुछ अवॉर्ड विनिंग गीतों पर एक नज़र डालें और उन्हें हमारे दिलों में याद रखें।
बीती न बिताई रैना
1972 की फिल्म 'परिचय' स, इस गीत से लता मंगेशकर को 'नेशनल फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट फिमेल प्लेबैक सिंगर' मिला था। गुलजार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में जीतेंद्र, जया बच्चन, प्राण, वीणा, एके हंगल, लीला मिश्रा, केश्तो मुखर्जी और असरा ने अभिनय किया। आरडी बर्मन द्वारा रचित, 'बीती न बिताई रैना' में भूपिंदर सिंह भी शामिल थे।
रूठे रूठे पिया मनौ कैसे
1974 की जया और विजय आनंद स्टारर फिल्म 'कोरा कागज़' के इस गीत ने लता मंगेशकर को 'नेशनल फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट फिमेल प्लेबैक सिंगर' का एक और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया। इस गीत की रचना कल्याणजी आनंदजी ने की थी और एमजी हशमत द्वारा लिखा गया है। 'कोरा कागज़' का निर्देशन अनिल गांगुली ने किया था और इसमें एके हंगल, अचला सचदेव और देवेन वर्मा ने अभिनय किया था।
यारा सेली सेली
गुलजार द्वारा लिखित और लता के छोटे भाई हृदयनाथ मंगेशकर द्वारा रचित, 1991 की फिल्म 'लेकिन' के इस गीत ने लता मंगेशकर को 'नेशनल फिल्म अवार्ड फॉर बेस्ट फिमेल प्लेबैक सिंगर' का तीसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया। 1991 में रिलीज़ हुई ये फिल्म एक मिस्ट्री ड्रामा है, जो रवींद्रनाथ टैगोर की 1895 की लघु कहानी क्षुधित पाषाण पर आधारित है। फिल्म में विनोद खन्ना, डिंपल कपाड़िया, अमजद खान, आलोक नाथ और बीना बनर्जी ने अभिनय किया और हेमा मालिनी द्वारा मुख्य भूमिका निभाई गई है।
आजा रे परदेसी
1958 की फिल्म 'मधुमती' में प्रदर्शित इस गीत के लिए लता मंगेशकर ने फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। इसे सलिल चौधरी ने कंपोज किया था और शैलेंद्र द्वारा इस गाने को लिखा गया था। 'आजा रे परदेसी' को दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला पर फिल्माया गया है। फिल्म का निर्देशन और निर्माण बिमल रॉय ने किया था, और इसे ऋत्विक घटक और राजिंदर सिंह बेदी ने लिखा था।
कहीं दीप जले कहीं दिल
फिल्म 'बीस साल बाद' से, इस गीत ने लता को 1962 में एक और फिल्मफेयर पुरस्कार दिया। यह गीत हेमंत कुमार द्वारा रचित और शकील बदुयानी द्वारा लिखा गया था। बीरेन नाग द्वारा निर्देशित, फिल्म 'बीस साल बाद' में बिस्वजीत, वहीदा रहमान, मदन पुरी, मनमोहन कृष्ण, सज्जन, लता सिन्हा और असित सेन ने अभिनय किया।
तुम्ही मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा
फिल्म 'खानदान' के गीत 'तुम्ही मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा' ने साल 1965 में लता मंगेशकर को फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया। इस फिल्म में सुनील दत्त, नूतन, ओम प्रकाश, ललिता पवार और मुमताज़ मुख्य सितारों ने अभिनय किया हैं।
आप मुझे अच्छे लगने लगे
फिल्म 'जीने की राह' के गीत 'आप मुझे अच्छे लगने लगे' से भी लता मंगेशकर को 1969 में फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया। एल वी प्रसाद द्वारा निर्मित और निर्देशित किये गए इस फिल्म में जितेन्द्र, तनुजा और संजीव कुमार मुख्य भूमिकाओं में हैं।
बता दें, लता 'दीदी' ने प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, भारत रत्न, और कई अन्य पुरस्कार जीते हैं। फ्रांस ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 2007 में लीजन ऑफ ऑनर के अधिकारी से भी सम्मानित किया। लता मंगेशकर...ये वो शख्सियत हैं, जो भले ही आज हमारे बीच नहीं रहीं। पर, उनकी आवाज हमेशा ही हमारे दिलों में बसी रहेंगी। उनकी शख्सियत हर दिल में जिंदा रहेंगी।
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