Patrika Explainer: स्मॉलकैप स्टॉक्स में लगातार बढ़ते निवेश को देखते हुए कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड्स ने 4 मार्च, 2024 से स्मॉलकैप फंड्स में लंपसम यानी एकमुश्त निवेश पर रोक लगा दी है। कंपनी ने कहा कि उसने मौजूदा यूनिटहोल्डर्स के हितों की रक्षा और स्मॉलकैप में हालिया उछाल को देखते हुए यह फैसला किया गया है। कोटक से पहले एसबीआइ म्यूचुअल फंड ने भी अपने स्मॉलकैप फंड में एकमुश्त निवेश को निलंबित कर दिया था। निप्पॉन इंडिया और टाटा म्यूचुअल फंड ने भी घोषणा की थी कि वह स्मॉलकैप में एकमुश्त राशि स्वीकार नहीं करेंगे। एक्सपट्र्स का कहना है कि फंड हाउस की ओर से स्मॉलकैप स्कीम्स में एकमुश्त निवेश के लिए दरवाजे बंद करना इस बात का संकेत है कि अब ये निवेश के लिए सुरक्षित ठौर नहीं रहे।
12,000 करोड़ से ज्यादा कैश पड़ा है स्मॉलकैप फंड के पास, सूझ नहीं रहा कहां करें निवेश 40% बढ़ी नकदी टॉप 10 स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स के पास पिछले 06 माह में स्मॉलकैप फंड्स में इतना आया निवेश
माह- नेट इनफ्लो
अगस्त 4,265
सितंबर 2,678
अक्टूबर 4,495
नवंबर 3,699
दिसंबर 3,857
जनवरी 3,257
(राशि करोड़ रुपए में)
क्यों निवेश लेना बंद कर रहे फंड हाउस
वाइटओक म्यूचुअस फंड के सीईओ आशीष सौमय्या ने कहा, पिछले दो साल में स्मॉलकैप में काफी रिटर्न आ चुका है और अब ये स्टॉक्स काफी महंगे हो चुके हैं। इनमें पिछले साल जितना रिटर्न आए, यह अब डाउटफुल है। स्मॉलकैप में 250 स्टॉक्स हैं और मिडकैप में 150 और इनका साइज भी लिमिटेड है। अगर बहुत सारा पैसा आता है तो फंड हाउस उसे सिलेक्टेड स्टॉक्स में ही डालेंगे। जिससे जोखिम बढ़ जाएगा। एतमुश्त निवेश पर रोक का निर्णय निवेशकों के हित में है।
क्या अधिक रिटर्न है इसकी वजह
फंड हाउस का कहना है कि अधिकतर स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स कई गुना तक बढ़ चुके हैं और तेजी के ट्रेंड के कारण इनकी कीमत फेयर वैल्यू से अधिक हो चुकी है। वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार ने कहा, स्मॉलकैप स्टॉक्स लार्जकैप की तुलना में अधिक वोलेटाइल होते हैं। इसलिए इसमें लॉन्गटर्म व्यू होना जरूरी है। मिडकैप-स्मॉल कैप फंड्स ने 2023 में 45त्न तक रिटर्न दिया है। इस जोरदार परफॉरमेंस के बाद जिस गति से पैसा आ रहा है, वह चिंता पैदा करता है।
क्या है डर?
बाजार नियामक सेबी ने भी रिटेल निवेशकों की ओर से स्मॉलकैप शेयरों और फंड्स में जरूरत से ज्यादा निवेश करने को लेकर चिंता जताई है। अगर बाजार में गिरावट आती है तो स्मॉलकैप से भारी मात्रा में विड्रॉवल हो सकता है, जिससे निवेशकों को बड़ा घाटा हो सकता है। इसलिए सेबी ने फंड हाउस से स्मॉल-मिडकैप को लेकर क्या जोखिम हैं, यह निवेशकों को बताने को कहा है। साथ ही पूछा है कि बड़ा रिडेम्प्शन आने पर वे कैसे निवेशकों को भुगतान करेंगे। इसके लिए फंड हाउस के कितने कैश का प्रावधान किया है।
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