बीमा नियामक बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) इरडा ने बिना क्लेम वाली बीमा पॉलिसी के मामलों में बड़ा बदलाव किया है। नियामक ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे दावारहित राशि लौटाने में बीमा एजेंट की मदद लें। इसके लिए एजेंटों और मध्यस्थों को ऐसी पॉलिसी के ग्राहकों का पता लगाना होगा और सभी दावा रहित पॉलिसी में उनके संपर्क विवरण, बैंक खाते आदि को अपडेट करना होगा। इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे अपने एजेंटों और मध्यस्थों को की ओर से बेची गई पॉलिसियों के प्रति जवाबदेह बनाएं। इसके तहत बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एजेंट या मध्यस्थ अपने ग्राहकों के प्रस्ताव फॉर्म और आवेदन पत्र जमा करते समय अपना फोन नंबर या ईमेल ID न दें।
लावारिस पॉलिसी की परिभाषा हुई तय
इरडा ने दावा न की गई राशि की परिभाषा को भी संशोधित किया है। अब ऐसी पॉलिसी, जहां मुकदमेबाजी, क्लेम पर किसी तरह की आपत्ति अथवा सरकारी एजेंसियों द्वारा पॉलिसी को फ्रीज करने के कारण दावा राशि रोक दी गई है, उन्हें लावारिस राशि नहीं माना जाएगा। नियामक ने स्पष्ट किया कि जिन पॉलिसी में लाभार्थी या उपभोक्ता संपर्क योग्य नहीं हैं, उन्हें लावारिस की श्रेणी में रखा जाएगा।
बीमा कंपनियों को दिए ये निर्देश
1. पॉलिसी रिन्यू करते समय पॉलिसीधारकों का मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस, नॉमिनी का विवरण आदि अपडेट करना होगा।
2. अधूरी केवाईसी पूरी करनी होगी। साथ ही नाबालिगों की दोबारा केवाईसी करनी होगी।
3. ग्राहकों को अपना कॉन्टैक्ट नंबर यानी मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल्स को ऑनलाइन अपडेट करना होगा।
4. बिना क्लेम वाली पॉलिसी के ग्राहकों तक पहुंचने के लिए विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करना होगा।
5. पॉलिसीधारकों को पॉलिसी के मैच्योर होने से कम से कम 06 माह पहले अग्रिम सूचना देनी होगी।
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