Tuesday, December 6, 2022

RBI ने फिर बढ़ाई रेपो रेट, 35 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा, आम जनता पर बढ़ा EMI का बोझ

महंगाई से जूझ रहे आम आदमी को एक बार फिर झटका लगा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस साल लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में इजाफा कर दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में तीन दिन तक चली मौद्रिक नीति समिति के नतीजे बुधवार जारी कर दिए है। गवर्नर दास ने बताया कि महंगाई के दबाव को देखते हुए एक बार फिर रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक अन्‍य बैंकों को कर्ज देता है। यदि बैंकों के लिए आरबीआई से कर्ज उठाना महंगा होगा तो बैंक इसका बोझ आम आदमी पर भी डालेंगे।

5वीं बार बढ़ी रेपो रेट, 1.90 फीसदी की वृद्धि


रिजर्व बैंक ने लगातार पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। इस वर्ष पहली बार मई में रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ाया। इसके बाद से अब तक रेपो रेट में 1.90 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। rbi के मुताबिक, अब रेपो रेट 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो जाएगा। इसके अलावा आरबीआई ने स्टेंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी रेट को 5.65 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया। इसके अलावा मार्जिनल स्टेंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) और बैंक रेट 0.35 फीसदी की वृद्धि के साथ 6.50 फीसदी हो गया।

 

महंगा हो गया कर्ज


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 6.25 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई के इस फैसले के साथ ही अब होम लोन महंगे हो जाएंगे। इसके अलावा ऑटो, पर्सनल सहित सभी तरह के लोन के लिए ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ेगी।

 

 

वित्त वर्ष 2022-23 में 6.8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान


आरबीआई के गवर्नर ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। शक्तिकांत दास ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर 2022 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान कम होकर 4.4 फीसदी हो गया। फाइनेंशियल ईयर 2023 में महंगाई दर 6.7 फीसदी पर बरकरार है।

 



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