इस साल जीरे के दामों में 80 फीसदी की तेजी आ चुकी हैं। जनवरी में जीरे के दाम 35 हजार रुपए प्रति क्विंटल थे, जो अब 65 हजार रुपए के ऊपर पहुंच चुके है। खुदरा बाजारों में यह 650 से 660 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा है। जीरे की कीमतों में तेजी की वजह इसका उत्पादन काफी घटना है। दूसरी तरफ, हल्दी का वायदा भाव इस महीने करीब 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुके है। जीरा कारोबारियों का कहना है कि इस महीने असमय हुई बारिश से इसकी फसल को नुकसान हुआ है, जिससे आगे भी जीरे की कीमतों में तेजी बने रहने की आशंका है।
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70,000 रुपए तक पहुंच सकते है दाम
मसाला कारोबारी रामअवतार अग्रवाल का कहना है कि मुनाफावसूली से जीरे की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। उंझा में जीरा 65,000 रुपए क्विंटल बिक रहा है। इस साल जीरा का उत्पादन कम है, इससे बाजार में इसकी आपूर्ति कमजोर है। इसलिए जीरे की कीमतों में तेजी आ रही है। आगे जीरे के भाव बढ़कर 70,000 रुपए क्विंटल रुपए के बीच जा सकते हैं। अग्रवाल ने बताया कि इस साल उत्पादन पहले से ही घटने का अनुमान था। ऐसे में 15 मार्च के बाद हुई असमय बारिश से खासकर राजस्थान के जीरा उत्पादक इलाकों में खेतों में खड़ी जीरे की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इस नुकसान के बाद जीरे की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। जीरे की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है, जिससे आगे लंबी अवधि में इसकी कीमतों में और तेजी आ सकती है।
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जीरा उत्पादन करीब 8 फीसदी घटने का अनुमान
गुजरात में जीरे की बुवाई 6 फीसदी कम हुई थी। राजस्थान में प्रतिकूल मौसम के कारण इसकी उत्पादकता में कमी आई है। लिहाजा इस साल जीरे का उत्पादन कम है। इस साल 5.80 लाख टन जीरे का उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन 6.29 लाख टन से 7.79 फीसदी कम है। जीरे के वायदा भाव में आ रही बेतहाशा तेजी पर अब एनसीडीएक्स भी सख्त हो गया है। जीरे की तेजी थामने के लिए इस साल 3 बार अतिरिक्त मार्जिन लग चुका है। फिर भी इसकी कीमतों में तेजी थम नहीं रही है।
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