Silicon Valley Bank Crisis: दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमरीका के बैंकिंग सेक्टर में बीते कुछ दिनों से संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यहां एक के बाद एक दिग्गज बैंक दिवलिया होते जा रहे हैं। सोमवार को अमरीका में एक और दिग्गज प्राइवेट बैंक डूब गया। अमरीका में अमीर लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाला मशहूर बैंक फर्स्ट रिपब्लिक बैंक (First Republic Bank) सोमवार को बिक गया। इस बैंक को जेपी मॉर्गन ग्रुप ने खरीद लिया है। बीते कुछ महीनों में अमरीका में तीन बड़े बैंक डूबे। इन बैंकों के डूबने से दुनिया भर में हलचल मची है। वैश्विक अर्थजगत में चिंता की लहर है। अमरीकी आर्थिक संकट का असर पूरी दुनिया पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर अमरीका में ऐसा क्या हुआ कि यहां एक के बाद एक बैंक दिवलिया होते जा रहे हैं? इस संकट का भारत पर क्या असर पड़ेगा? आइए, जानते हैं इन सवालों के जवाब इस स्पेशल रिपोर्ट में-
पहले जानिए अमरीका में आज डूबे बैंक के बारे में-
काफी समय से नकदी संकट से जूझ रहा था फर्स्ट रिपब्लिक बैंक
नकदी संकट से जूझ रहा फर्स्ट रिपब्लिक बैंक (First Republic Bank) सोमवार को बंद हो गया। इस बैंक को खरीदने वाले जेपी मॉर्गन (JPMorgan) ग्रुप ने कहा कि उसने FRB के एसेट्स का बड़ा हिस्सा खरीद लिया है। इसके पास बैंक की कुछ देनदारियां भी आ गई हैं।
कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन एंड इनोवेशन ने एक बयान में कहा, 'जेपी मॉर्गन के पास फर्स्ट रिपब्लिक के सभी डिपॉजिट, जिसमें सभी अनइंश्योर्ड डिपॉजिट और अधिकांश एसेट्स शामिल हैं, चले जाएंगे।'
अमरीका के 8 राज्यों में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक की थी 84 शाखाएं
सोमवार को बंद हुए अमरीका के फर्स्ट रिपब्लिक बैंक की शाखाएं 8 राज्यों में फैली थी। अमरीकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के अमरीका की 8 राज्यों में 84 ब्रांच थी।
जेपी मॉर्गन ग्रुप द्वारा खरीदे जाने के बाद अब इन सभी राज्यों में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के बदले जेपी मॉर्गन चेस बैंक की शाखाएं दोबारा खुलेंगी। फर्स्ट रिपब्लिक बैंक अमरीका के अमीर लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाला फेमस प्राइवेट बैंक था। यह वेंचर कैपिटल फर्म्स पर फोकस्ड सिलिकॉन वैली बैंक की तरह ही था, जो मार्च में गिर गया था।
मार्च 2023 से अभी तक अमरीका में तीन बैंक डूबे
अमरीका में मार्च 2023 से अभी तक तीन बैंक डूबे। फर्स्ट रिपब्लिक बैंक से पहले मार्च में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक डूब गए थे। इन तीनों बैंकों के डूबने के पीछे नकदी संकट को कारण बताया जा रहा है। फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को बीते वर्षों में कई बार बेचा और खरीदा गया।
साल 2007 में मेरिल लिंच एंड कंपनी ने 1.8 अरब डॉलर में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को खरीदा था। इसके बाद 2009 में इसे बैंक ऑफ अमेरिका ने खरीदा। इसके बाद साल 2010 में इन्वेस्टमेंट फर्म जनरल अटलांटिक और कॉलोनी कैपिटल ने इसे 1.86 अरब डॉलर में खरीदा। इसके बाद इसे पब्लिक कर दिया गया था।
अब जानिए अमरीकी बैंकिंग सेक्टर में आए संकट को-
सिलिकॉन वैली बैंक के उदाहरण से समझिए कहानी
अमरीकी बैंकिंग सेक्टर में आए संकट को समझने के लिए सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) का उदाहरण मुफीद है। इस संकट के कारण दिवलिया होने वाली सिलिकॉन वैली बैंक अमरीका की पहली बैंक थी। बैंकिंग सेक्टर को समझने वाले एक्सपर्ट ने बताया कि सिलिकॉन वैली के डूबने की वजह बैंक के कुछ गलत फैसले थे।
दरअसल सिलिकॉन वैली बैंक उन स्टार्टअप को भी कर्ज देता था, जिन्हें कोई दूसरी बैंक हाथ तक नहीं लगाती थी। 2021 में शेयर बाजारों में तगड़ा बूम आया और ब्याज दरें लगभग जीरो हो गईं।
शेयर बाजार में आए बूम के बाद टेक स्टार्टअप्स के पास बहुत सारा पैसा आया, जिसे कई स्टार्टअप ने सिलिकॉन वैली बैंक में जमा कर दिया। बैंक ने भी उन पैसों को लंबी अवधि के बॉन्ड में निवेश किया। पिछले साल जब ब्याज दरें बढ़ीं तो बॉन्ड्स अपनी वैल्यू गंवाने लगे।
जिसके बाद टेक स्टार्टअप्स अपने पैसे निकालने लगे। इससे बैंक को अपने बॉन्ड्स को नुकसान में बेचना पड़ा। नुकसान बढ़ने लगा तो कंपनी के शेयर की कीमत गिरने लगी। इस सिलसिला के कुछ ही दिनों बाद सिलिकॉन वैली बैंक दिवालिया हो गया।
रोचक जानकारी-
सिलिकॉन वैली बैंक का बंद होना अमरीकी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा दिवाला है। इससे पहले 2008 में वॉशिंगटन म्यूचुअल (Washington Mutual) को अमरीका का पहला सबसे बड़ा बैंक दिवाला माना जाता है।
क्रिप्टो एक्सचेंज के पतन से सिग्नेचर बैंक हुआ दिवलिया
सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के कुछ ही दिन बाद न्यूयॉर्क के सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) की हालत खराब होने लगी। सिग्नेचर बैंक FTX क्रिप्टो एक्सचेंज के पतन के साथ चर्चा में आया था। एफटीएक्स के सिग्नेचर बैंक में खाते थे। साल 2018 में ही ये बैंक क्रिप्टो असेट्स के डिपोजिट के बिजनेस में उतरी थी। बैंक के लिए यही फैसला डूबाने वाला साबित हुआ। क्रिप्टोकरंसी में डील करने वाला एक अन्य बैंक Silvergate Bank पिछले ही हफ्ते डूबा है।
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अमरीकी बैंकिंग सेक्टर के संकट का दुनिया पर असर-
अमरीकी बैंकिंग सेक्टर के संकट का दुनिया पर क्या असर पड़ेगा? यह एक ऐसा सवाल है जिसे जवाब सीधे तौर पर नहीं दिया जा सकता। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर दुनिया पर पड़ेगा तो कुछ लोगों का कहना है कि इसका असर नहीं पड़ेगा। एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर अमरीकी शेयर बाजार में कोई हलचल होती है तो उसका असर दुनिया के अन्य देशों पर भी पड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मंदी की आहट नहीं है। लेकिन अगर सरकार सिलिकॉन वैली को जल्द रिवाइव नहीं करती है तो स्टार्टअप की दुनिया में बड़ी उठा-पटक देखने को मिल सकती है। स्टार्टअप्स के पास पैसों का संकट आएगा, जिससे छंटनी का दौर शुरू हो सकता है।
भारतीय बाजारों पर क्या पड़ेगा असर?
एक्सपर्ट का कहना है कि अमरीकी बैंकिंग सेक्टर की मंदी का भारतीय बाजारों पर कुछ समय के लिए असर देखा जा सकता है। लेकिन इसका असर ऐसा नहीं होगा कि अमरीका जैसे भारत में बैंक डूबने लगे। इसका कारण बताते हुए एक्सपर्ट ने कहा कि भारत के बैंकों का सिलिकॉन वैली बैंक से कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नाता नहीं है। भारतीय बैंकिंग सेक्टर में घरेलू निवेश है, जिन्हें सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश किया गया है।
साथ ही भारतीय बैंकिंग सिस्टम को भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेगुलेट किया जाता है, ऐसे में सिलिकॉन वैली बैंक जैसी हालत भारत के किसी बैंक की नहीं होगी। भारतीय बैंकों के पास पर्याप्त असेट भी है, जिसकी वजह से यहां के बैंकिंग सिस्टम पर सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने का असर नहीं होगा।
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